क्यों तोड़ देता हूँ
कुछ सामन तोड़ देता हूँ
फ़िर बैठकर देर तक रोता हूँ
फ़िर कोशिश करता हूँ
उसे जोड़ने की
कभी सफल हो जाता हूँ
कभी ले कर उसे
घंटो बैठा रहता हूँ
पर हर बात यही सोचता हूँ
कि जब जोड़ना ही है
रो रो कर कुछ सामान
तो क्यों तोड़ देता हूँ ?"JAB MAIN FRAME SE BAHAR THA TAB KAI AIB NIKALE TUM NE.... AAJ MAIN FRAME ME AAYA TO KHUDA BANA DIYA..... -Ansh"
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