Monday, November 30, 2009


रोज

एक जिंदगी रोज जी लेता हूँ

रोज एक मौत होती है मेरी

रोज सुबह नींद खुलने पर

पैदा होता हूँ

रोज रात को थक कर

मर जाता हूँ

हर रोज एक जनम लेता हूँ

हर रोज

हर जनम सफल नही हो पाता

मेरा

फ़िर भी मैं पैदा होता हूँ

हर रोज

उस दिन की आस मे

जिस दिन

सुबह पैदा नही हो पाऊंगा

आखरी जन्म लेकर

मर जाऊँगा ....तब तक

एक जिंदगी रोज जिऊंगा

रोज एक मौत होगी मेरी ....

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