Monday, November 30, 2009

कुछ देर के लिए....बस !

कुछ देर के लिए मोह लेती हो तुम

मुझे

कुछ देर तुम्हारे साथ रहना पसंद है

मुझे

मुझे तम्हारी अदाओं ने लुभाया

कुछ देर

मुझे तुमने बांवरा सा बनाया

कुछ देर

लेकिन जैसे ही तुम गई

मैं भूल गया तुम्हे - तुम भूल गई मुझे

चका चौंध सी लगती थी

तुम शायद एक जशन थी

या थी कोई शराब

हो सके तो सामान्य सा दिन बनो

बनो एक साधारण सी शाम

ठंडे पानी का ग्लास बनो

वरना मैं हर बार तुम्हे भूल जाऊँगा

और तुम मुझे ...........

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