Friday, October 15, 2010

विश्व वृद्ध दिवस


विश्व वृद्ध दिवस की हार्दिक शुभकामनायें


साहब चलिए मैं ले चलता हूँआपको मंदिर

छोटे साहब

आफिस जा रहे हैं |...आज मीटिंग रखी है |

साहब लेट जाइये

मैं बाम लगा देता हूँ

बहु जी

का फोन आया है |...शायद मायके से |

साहब बता दीजिये

कौन सी गोली देनी है

बेबी

जल्दी कॉलेज चली गईं |...पढ़ाई भी ज़रूरी है |

साहब सो जाइये

ग्यारह बज गए हैं

बाबा

पार्टी में गए हैं |...न जाने कब आयें |

साहब...

आज घर पे कोई नहीं है

मुगले आज़म देख लीजिये

मां जी को बहुत पसंद थी न.............|

Thursday, October 14, 2010

सियासतनामा

सियासतनामा

मुझ से पूछ
अब मैं ही बताऊंगा तुझे
शहर जागीर है मेरी
हर मोड़ नज़र आऊंगा तुझे |

तू हार गया
ये एहसास तो हो
तेरी चौखट पे
आ-आ के जताऊंगा तुझे |

तू चलेगा
मगर मेरे पीछे
कारवां मेरा है
तू गिरेगा तो उठाऊंगा तुझे |

मैं सियासत हूँ
तेरा नाम है मज़हब
तेरे ही मुल्क में
तेरी औकात दिखाऊंगा तुझे |

अंश-

Tuesday, July 13, 2010

गिरगिट

main to GIRGIT hu rang badalta rahta hu...log kahte hain main dil ka bura hu aur main dil ko bura kahta rahta hu...

Tuesday, April 27, 2010

रंग

"जब से तुम्हारे पसंदीदा रंग भाने लगे हैं ...हम से बाकि रंग खार खाने लगे हैं ...-ansh"

Friday, April 23, 2010

ख्वाब

ख्वाब सजाना मेरी फितरत नहीं ...उन्हें हकीकत बनाना आता है मुझे !

Wednesday, April 21, 2010

सपना























वो मेरा सपना था जिसे रखा था तुम्हारी गोद में....
अचानक किसी की आहट हुई और तुम दौड़ गए...
देखो सपना टूट के फर्श पे बिखर गया है...

समेट लो इसे नहीं तो चुभ जायेगा उसके पैरों में...


जब हम मिलेंगे काम के दौरान लौटा देना मुझे...

किसी कागज़ में लपेटकर सबसे छुपाकर ...

मैं जोड़ लूँगा उसे किसी तरह कुछ करके...

ये बात और है के शीशा जोड़ना मुश्किल है...


शीशे सा वो सपना मोम का होना था...

तुम तोड़ते रहते मैं जोड़ता रहता...

शायद रिश्तों की गर्माहट इसी काम आती...

पर अब ये गर्माहट झुलसा न दे मुझे....

Thursday, April 15, 2010

तुम


और हम यूँ ही बैठे रहे
बहुत देर तक
तुम स्क्रिप्ट में डूबी थीं
और मैं तुम्हारे हाथ से बनी चाय और नूडल्स में

तुम कहती हो
मैंने चाय और नूडल्स की तारीफ नहीं की
मैं तो देख रहा था बस तुमको
स्क्रिप्ट में डूबे हुए
अपने किरदार के करीब
तारीफ तुम्हारी है

मैं तो देख रहा था बस तुमको
अपलक एकटक अनथक
हाँ ये बात और है के

चाय और नूडल्स का जायका
अभी भी है होठों पे....