Friday, October 15, 2010

विश्व वृद्ध दिवस


विश्व वृद्ध दिवस की हार्दिक शुभकामनायें


साहब चलिए मैं ले चलता हूँआपको मंदिर

छोटे साहब

आफिस जा रहे हैं |...आज मीटिंग रखी है |

साहब लेट जाइये

मैं बाम लगा देता हूँ

बहु जी

का फोन आया है |...शायद मायके से |

साहब बता दीजिये

कौन सी गोली देनी है

बेबी

जल्दी कॉलेज चली गईं |...पढ़ाई भी ज़रूरी है |

साहब सो जाइये

ग्यारह बज गए हैं

बाबा

पार्टी में गए हैं |...न जाने कब आयें |

साहब...

आज घर पे कोई नहीं है

मुगले आज़म देख लीजिये

मां जी को बहुत पसंद थी न.............|

2 comments:

  1. अंशपायन जी आपकी लगभग सारी कवितायें बहुत ही अच्छी हैं। काफी संभावनाशील कवि हैं आप। पर आपके ब्लॉग पर टिप्पणियाँ बहुत कम है। शायद लोगो को कविता पढ़ने मे रुचि नही है या शायद आप ही ब्लॉग जगत मे इतने सक्रिय नहीं हैं इसलिये बहुत कम लोगो को इस ब्लॉग के बारे मे पता है। अपने ब्लॉग को विभिन्न ब्लॉग एग्रीगेटर्स मे रज़िस्टर करवायें ताकि और लोग भी इसे पढ़ सकें।

    जो भी हो पर कवितायेँ सच मे अच्छी हैं।

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  2. wah bhai wah wah.....bahut bahut khoob...jiyo

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