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तुम
और हम यूँ ही बैठे रहे
बहुत देर तक
तुम स्क्रिप्ट में डूबी थीं
और मैं तुम्हारे हाथ से बनी चाय और नूडल्स में
तुम कहती हो
मैंने चाय और नूडल्स की तारीफ नहीं की
मैं तो देख रहा था बस तुमको
स्क्रिप्ट में डूबे हुए
अपने किरदार के करीब
तारीफ तुम्हारी है
मैं तो देख रहा था बस तुमको
अपलक एकटक अनथक
हाँ ये बात और है के
चाय और नूडल्स का जायका
अभी भी है होठों पे....
आपका कविता लिखना और उसका नूडल दोनों साथ साथ है
ReplyDeletemain samjhan nahin vipul.....
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