रहते जो तुम मेरे घर में मुझे कुछ आराम होता
मेरे कमरे में तुम्हारा भी जो कुछ सामन होता
कुछ सफ़ेद दुपट्टे...कुछ गीतों कि डायरी ...
एक जोड़ी कोल्हापुरी चप्पलें ..खुसरो कि शायरी
ज़रा तमीज़ होती मुझमे ...मैं यु फ़ैल के न सोता...
-अंश
कुछ सफ़ेद दुपट्टे...कुछ गीतों कि डायरी ...
एक जोड़ी कोल्हापुरी चप्पलें ..खुसरो कि शायरी
ज़रा तमीज़ होती मुझमे ...मैं यु फ़ैल के न सोता...
-अंश
एक तरफ सामान रखा ...
एक तरफ से खाली है...
वो जगह तुम्हारी है...
बेडौल ही रहेगा कमरा मेरा...
वो जगह कभी भरने नहीं दूंगा मैं...
वो जगह तुम्हारी है...
-अंश
kuch hakikat aur kuch khwab likhe hai
ReplyDeletetere kamre me dafan tune raaz likhe hai
bahut achha likha hai yaar