Sunday, July 26, 2009

हमबिस्तर

हमबिस्तर थे
हम जिस बिस्तर पे
वो बिस्तर
समेट के टांड पे रख दिया है......

कौन उतारे
फिर से खुशबू फैल न जाये
डर लगता है .......

अब उस बिस्तर पे
नींद कहाँ से आएगी...
-अंश पयान सिन्हा

No comments:

Post a Comment