Wednesday, November 11, 2009

नवम्बर...


this poetry is inspired by a famous saying of
great Charlie Chaplin


नवम्बर
की एक शाम से
नवम्बर की एक रात तक
बारिश होती रही
आसमान रोता रहा |

आसमान के आंसू
मेरे गालों पर गिरते
और चल देते ज़मीन की ओर
मेरे आंसुओं के साथ |

मैं रोता जाता हूँ
चलता जाता हूँ
रोते हुए मुझको
देख नहीं सकता कोई |

नवम्बर की एक शाम से
नवम्बर की एक रात तक
यादें आती रहीं
मैं रोता रहा |
-अंश

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