Saturday, July 25, 2009

आदतें

हम रात काट देते हैं लिखते लिखते
दिन भर सोचते हैं लिखना क्या है
यूँ दिन में भी याद नहीं करते उसको
और रातों को भी वो याद नहीं आती
लो फिर झूठ बोल दिया हमने
कमबख्त ये आदत क्यों नहीं जाती...
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अंश पयान सिन्हा


1 comment:

  1. Tooo good yaar such me bahut achha likha hai tune very nice

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